Coronavirus and Diabetes: 1 हफ्ते के अंदर ही मर रहा 10 में से 1 कोरोना का डायबिटिक मरीज

Coronavirus and Diabetes: 1 हफ्ते के अंदर ही मर रहा 10 में से 1 कोरोना का डायबिटिक मरीज

सेहतराग टीम

कोरोना का प्रभाव अभी भी जारी है। हालांकि इसे रोकने के लिए सभी देशों द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही दुनियाभर के वैज्ञानिक इसे ठीक तरह से समझने के लिए लगातार स्टडी और रिसर्च कर रहे हैं। वैज्ञानिक लगातार इसके बारे में अध्ययन कर रहे हैं ताकि इसके बारे में ज्याद से ज्यादा जानकारी जूटा सकें। हाल ही में फ्रांस में एक स्टडी हुई, जिसमें सामने आया कि कोरोना से मरने वालों मरीजों में उन मरीजों की संख्या ज्यादा है जो पहले से ही डायबिटीज से पीड़ित हैं।

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रिसर्च में पाया गया है कि डायबिटीज के जिन मरीजों को कोरोना का संक्रमण हो जाता है, ऐसे 10 मरीजों में से एक मरीज मात्र 7 दिन के अंदर ही दुनिया छोड़ रहा है। इतना ही नहीं शुगर के मरीज जो कोरोना संक्रमित हैं, उनमें हर 5 में से एक पेशंट को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है। इस रिजल्ट से यह भी समझा जा सकता है कि डायबिटीज के मरीजों के लिए कोरोना का संक्रमण कितना अधिक घातक है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक-

कोरोना के आने बाद हेल्थ एक्सपर्ट ने स्टडी और रिसर्च कर चेताया है कि डायबिटीज के मरीजों पर कोरोना का प्रभाव अधिक घातक है। हालांकि स्टडी और रिसर्च में सटीक परिणाम नहीं मिले थे, यानी इस बात से जुड़े फैक्ट्स या स्टडी अभी तक नहीं हो पाई थी।

लेकिन अब डायाबिटोलॉगिया' जर्नल में प्रकाशित स्टडी में यह बात साफ हुई कि शुगर के मरीजों के लिए कोरोना अधिक जानलेवा साबित हो रहा है। यह एक मेडिकल जर्नल है और इसका मासिक प्रकाशन किया जाता है। यह यूरोपियन एसोशिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज का ऑफिशल जर्नल है।

ज्यादातर मरीज डाइप-2 डायबिटीश के शिकार

इस शोध में बताया गया कि कोरोना से संक्रमित होकर मौत का खतरा उन मरीजों में ज्यादा हैं जो टाइप- 2 डायबिटीज के शिकार हैं। टाइप-2 डायबिटीज हमारे खान-पान और जीवनशैली के कारण होने वाला शुगर का रोग है।

स्टडी में यह भी पाया गया कि इन मरीजों में पुरुषों की संख्या अधिक है। यानी शुगर के पुरुष मरीज कोरोना की चपेट में जल्दी आ रहे हैं और दिक्कत तब और बढ़ जाती है, जब इनकी उम्र 65 के आस-पास हो। हालांकि स्टडी में जो केस देखे गए उनमें पेशंट्स की उम्र 70 के करीब थी।

डायबिटीज के मरीजों के लिए कोरोना का अधिक खतरनाक होने की वजह क्या है?

इस पर हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि डायबिटीज ऐसी बीमारी है जो पेशंट के अंदर इंफ्लूएंजा इंफेक्शन की चपेट में जल्दी-जल्दी आने का रिस्क बढ़ा देती है। कोरोना भी वायरस जनित एक श्वसंन संबंधी रोग ही है, जो इंफ्लूएंजा की तरह ही शरीर पर अटैक कर अपनी पकड़ बनाता है।

इस वजह से शुगर के मरीज वायरस के शिकार आसानी से हो जाते हैं। लेकिन  रिसर्च में यह भी सामने आया है कि डायबिटीज के जो मरीज ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का उपयोग कर रहे हैं, उनमें यह वायरस जानलेवा स्थितियां नहीं बना पाता है। इसलिए शुगर के मरीजों को अपना यह ट्रीटमेंट जारी रखना चाहिए। स्टडी से जुड़े एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि मेडिकली ये सिचुएशन हर जगह के लिए वहां की परिस्थिति के हिसाब से अलग भी हो सकती हैं। लेकिन यह बात तो साफ है कि जो बुजुर्ग शुगर से पीड़ित हैं, उन्हें कोरोना से बचाव और देखभाल की अधिक जरूरत है।

इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट का क्या कहना है?

वैसे खतरा तो कोरोना के शिकार होने वाले हर मरीज को है। लेकिन डायबिटीज मरीजों के मामले में कोरोना के कारण दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी गंभीर हो जाती हैं। इनमें सीवियर निमोनिया, सेप्टिक शो, सेप्सिस, किडनी का गंभीर रोग या इंफेक्शन हो जाना, हार्ट से जुड़ी दिक्कतें होना भी शुरू हो जाती हैं। कई बैक्टीरियल इंफेक्शन भी उन्हें दूसरे नॉर्मल पेशंट्स की तुलना में जल्दी घेर लेते हैं।

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ऐसे में ये खास सावधानी रखें-

कोरोना संक्रमण के इस काल में शुगर के मरीजों को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही खांसते-छींकते समय मुंह पर हाथ रखना, मास्क का उपयोग करना और हैंड सेनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखना जैसी आदतें भी विकसित करनी चाहिए। इसके साथ ही वे अपनी दवाएं सही मात्रा में और निश्चित समय पर लेते रहें। अगर फिर भी उन्हें कोविड-19 का इंफेक्शन हो जाता है तो उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कर उनका सही तरीके से उपचार होना चाहिए।

 

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